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प्रबंध काव्य क्या है?

प्रश्न 4. प्रबंध काव्य क्या है ?

उत्तर- जिस काव्य में कथावस्तु का नियोजन सुव्यवस्थित ढंग से अत्यंत विस्तृत रूप में हुआ हो, उसे प्रबंध काव्य कहते हैं। यह साहित्य का सर्वोत्कृष्ट विधा है। इस प्रकार के काव्य में प्रमुख पात्रों के सम्पूर्ण जीवन का उल्लेख होता है। महाकाव्य और खंड काव्य प्रबंध काव्य है। खड़ी बोली हिन्दी में प्रिय प्रवास, कामायवी, उर्वशी साकेत, कुरूक्षेत्र, रश्मिरथी, प्रबंध काव्य हैं।

प्रश्न 5. ‘उसने कहा था’-कहानी के मुख्य पात्र कौन हैं ?

उत्तर- ‘उसने कहा था’-शीर्षक कहानी के प्रमुख पात्र निम्नलिखित हैं-
1. लहना सिंह-कहानी का नायक।
2. सुबेदारनी होराँ-लहना सिंह के बचपन की प्रेमिका।
3. वजीरा सिंह-लहना सिंह के गाँव का फौजी।
4. सुबेदार हजारा सिंह-सुबेदारनी के पति।
5. बोधा सिंह-सुबेदार हजारा सिंह के पुत्र।

प्रश्न 6. लहना सिंह कौन था?

उत्तर- श्री चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ लिखित ‘उसने कहा था’ शीर्षक कहानी का वीर नायक है-लहना सिंह। वह एक भावुक प्रेमी और वीर योद्धा है। वह अमृतसर के एक गाँव ‘माँझे’ का रहनेवाला है। बचपन में उसे एक लड़की से प्रेम हुआ, लेकिन उसकी शादी कहीं और हो गयी। बचपन की प्रेमिका के कहने पर लहना सिंह युद्ध में उसके पति और पुत्र को बचने हेतु अपने प्राण में गवा देता है। लहना सिंह अत्यन्त साहसी, बहादुर और तीव्र बुद्धि का है। उसने रात में वेष बदलकर आये जासूस को मार गिराता है। लहना सिंह की वीरता, अनुराग और बलिदान अत्यन्त स्पृहनीय है।

प्रश्न 7. लहना के गाँव में आया तुर्कों मौलवी क्या कहता था?

उत्तर- श्री चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ द्वारा लिखित कहानी-‘उसने कहा था’-प्रथम विश्व युद्ध
की पृष्ठभूमि पर आधारित है। तुर्की मौलवी लहना सिंह के गाँव आया था और जर्मनी के पक्ष में
बोलता था। वह कहता था कि जर्मनी वाले पंडित हैं। वेद पढ़कर विमान चलाने की विद्या जान
गए। वे हिन्दुस्तान आ जाएँगे तो गौ-हत्या बन्द कर देंगे। वह कहता कि ब्रिटिश सरकार का राज्य जाने वाला है, इसलिए डाकखाने से पैसा निकाल लो।

प्रश्न 8. “बातचीत के संबंध में बेन जॉनसन और एडिसन के क्या विचार हैं ?

उत्तर-‘बाचचीत’ शीर्षक निबंध के लेखक श्री बालकृष्ण भट्ट ने ‘बातचीत’ के संदर्भ में
पाश्चात्य लेखक बेन जॉनसन और एडिसन के विचारों का उद्धरण भी प्रस्तुत किया है। बेन जॉनसन का कथन है कि बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है। अर्थात् जब तक व्यक्ति बोलता नहीं उसके गुण-दोष का पता नहीं चलता। बाणी से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का परिचय मिलता है। एडिसन का मत है कि असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में हो सकती है अभिप्राय यह कि बातचीत में जब मात्र दो व्यक्ति होते हैं तभी अपना दिल एक-दूसरे के सामने खोलते हैं।